Bihar State Teacher Manual 2023 बिहार की शिक्षा में बड़े स्तर पर सुधार की पहल, प्रारंभिक और माध्यमिक स्कूलों को मिलेंगे योग्य शिक्षक
Bihar State Teacher Manual 2023
बिहार की शिक्षा में बड़े स्तर पर सुधार की पहल, प्रारंभिक और माध्यमिक स्कूलों को मिलेंगे योग्य शिक्षक
बिहार राज्य शिक्षक नियमावली 2023 के कारण अब स्कूली शिक्षा में सुधार होगा। शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया के अमल में आने से स्कूली शिक्षा में न सिर्फ गुणात्मक सुधार आएगा बल्कि विद्यालय प्रबंधन मामले में भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
बिहार की स्कूली शिक्षा में बड़े स्तर पर सुधार की पहल हुई है। इसकी वजह है-दो दिन पहले सरकार ने बिहार राज्य शिक्षक नियमावली 2023 को लागू किया है, इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। खासकर वर्तमान में शिक्षकों की गुणवत्ता पर उठ रहे प्रश्नों का भी समाधान होगा।
बिहार के विद्यालयों के शिक्षण और प्रबंधन कार्य में सुधार आएगा। कई शिक्षाविदों ने भी स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए सरकार के इस फैसले को सराहा है। राज्य के 71,863 प्रारंभिक और 9,360 माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया के अमल में आने से स्कूली शिक्षा में न सिर्फ गुणात्मक सुधार आएगा, बल्कि विद्यालय प्रबंधन मामले में भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
इसमें बड़ी संख्या में अयोग्य शिक्षक भी बहाल हो गए, जो आज भी बिहार सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। सरकार अयोग्य शिक्षकों को चाह कर भी सेवा से विमुक्त नहीं कर पा रही है। नई नियमावली से विद्यालयों को योग्य शिक्षक मिलने की उम्मीद है।
कानूनी पेंच फंसने की आशंका
नई नियमावली को शिक्षा में बड़े सुधार को ध्यान में रखकर लागू की गई है, लेकिन इसे प्रभावी तरीके से लागू करने में कई व्यवहारिक दिक्कतें आ सकती हैं। मसलन, अब तीन कैडर के शिक्षक होंगे। 2006 से पूर्व से कार्यरत 60 हजार शिक्षक और इसके बाद नियोजन प्रक्रिया से तैनात 3 लाख 52 हजार शिक्षक का कैडर अलग-अलग है।
TET और STET पास शिक्षक अभ्यर्थियों को अब देनी होगी एक और परीक्षा, BJP नेता सुशील कुमार मोदी ने बताया भद्दा मजाक
बिहार सरकार की ओर से शिक्षक नियुक्ति नियमावली (Bihar Teacher Recruitment Rules) को मंजूरी मिलते ही विपक्ष ने सरकार पर हमला शुरू कर दिया है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा है कि शिक्षक अभ्यर्थियों को फिर एक बार ठगा जा रहा है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार की नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के मुताबिक 2019 में टीईटी और एसटीईटी पास कर चुके शिक्षक अभ्यर्थियों को एक और परीक्षा देनी पड़ेगी. इसके अलावा नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी बनने के लिए भी पुनः परीक्षा देनी पड़ेगी. अब हर विद्यालय में पुराने वेतनमान, नियोजित शिक्षक और नई नियमावली के तहत बहाल सरकारी शिक्षक यानी कुल 3 प्रकार के शिक्षक होंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इतना भद्दा मजाक शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ कृपया मत कीजिए.
अब ‘विद्यालय अध्यापक’ कहलाएंगे शिक्षक
दरअसल, बिहार सरकार ने नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को मंजूरी दी है. गौरतलब है कि सोमवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में शिक्षक नियुक्ति नियमावली को मंजूरी दी गई. इसके तहत अब राज्य में में प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक के स्कूलों में शिक्षकों को अब ‘विद्यालय अध्यापक’ कहा जाएगा. इसके साथ ही कैबिनेट में इस पद पर नियुक्ति के लिए नियमावली को हरी झंडी दे दी गई.
लिखित परीक्षा के जरिए होगी भर्ती
इसके साथ ही सरकार की ओर से कहा गया है कि इस पद पर सीधी भर्ती लिखित परीक्षा के जरिए होगी. इसके लिए परीक्षा का आयोजन राज्य सरकार की ओर से अधिकृत आयोग करेगी. यानी अब बिहार में संविदा पर शिक्षक नियुक्ति न हो कर राज्य सरकार के स्थायी कर्मचारी के रूप में की जाएगी. इसके साथ ही इस नियम को भी मंजूरी दी गई कि कोई भी अभ्यर्थी इस पद के लिए तीन बार ही परीक्षा दे सकेंगे.