ugc curriculum framework for graduate students 2023
2023 से चार साल का होगा ग्रेजुएशन, UGC ने जारी किया करीकुलम, क्या होंगे नये बदलाव-10 प्वाइंट्स में समझिए
UGC curriculum and credit framework: यूजीसी ने अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम्स के लिए आज12 दिसंबर को करीकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क जारी किया है. नये पाठ्यक्रम में छात्रों को स्थानीय उद्योग के साथ इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा जानिए और क्या हुए हैं नये बदलाव.
यूजीसी की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, मेन सब्जेक्ट में चार साल की ग्रेजुएशन ऑनर्स डिग्री उन लोगों को दी जाएगी जो 160 क्रेडिट के साथ चार साल का डिग्री प्रोग्राम पूरा करते हैं और क्रेडिट जरूरतों को पूरा करते हैं। जबकि जो स्टूडेंट्स पहले 6 सेमेस्टर में 75 फीसदी या उससे ज्यादा नंबर प्राप्त करते हैं और ग्रेजुएशन लेवल पर रिसर्च करना चाहते हैं, वे चौथे साल में एक रिसर्च स्ट्रीम चुन सकते हैं।
इसमें स्टूडेंट्स को एक अथवा उससे ज्यादा सब्जेक्ट के ऑप्शन के बीच में से एक ऑप्शन सेलेक्ट करने में मदद मिलेगी। मौजूदा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को संशोधित करके फ्रेमवर्क विकसित किया गया है।
करीकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क से हुए इन बदलावों की लिस्ट
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यूजीसी द्वारा पाठ्यक्रम को अपनाने के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी गई है।
1. हॉलिस्टिक और मल्टी- डिसिप्लिनरी अंडरग्रेजुएट एजुकेशन पर जोर
2. फ्लेक्सिबल करीकुलर स्ट्रक्चर, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की अनुमति और री-एंट्री विकल्प मौजूद होगा
3. 1 वर्ष (2 सेमेस्टर) पूरा करने के बाद यूजी प्रमाणपत्र
4. 2 साल बाद यूजी डिप्लोमा (4 सेमेस्टर)
5. 3 साल (6 सेमेस्टर) के बाद स्नातक की डिग्री
6. 4 साल बाद स्नातक की डिग्री (ऑनर्स)
7. चौथा वर्ष मुख्य रूप से शोध-आधारित शिक्षा के लिए होगा
8. कम्यूनिटी इंगेजमेंट और सेवाएं, पर्यावरण शिक्षा और मूल्य- आधारित शिक्षा में क्रेडिट आधारित पाठ्यक्रमों और परियोजनाओं को शामिल करना
9. छात्रों को स्थानीय उद्योग के साथ इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाएगा
10. यूजी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए समर टर्म के दौरान 4 क्रेडिट वर्क आधारित लर्निंग इंटर्नशिप से गुजरना होगा